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फरीदाबाद।
केन्द्र सरकार के इस एतहासिक फैसले जितनी भी प्रशंसा की जाये उतनी ही कम है। जिला न्यायालय सैक्टर-12 फरीदाबाद में मुस्लिम समुदाय से जुडे मुबीन अहमद खान व अन्य अधिवक्तओं ने एक दूसरे को बधाई दी वरिष्ठ अधिवक्ता शिवदत्त वशिष्ठ, एडवोकेट बी0जे0पी0 ने मुस्लिम समाज के अधिवक्ताओं को मिठाँई खिलाकर उन्हेें बधाई दी और इस एतहासिक फैसले का स्वागत किया गया। राज्य सभा में तीन तलाक बिल पास होने से महिला वर्ग को बहुत राहत मिली है। अब तीन तलाक गैर-कानूनी है केन्द्र सरकार के फैसले की जितनी सराहना की जाये उतनी कम है। वशिष्ठ, ने कहा कि कांग्रेस ने सन 1986 में शायराबानो के लिए न्याय का दरवाजा बन्द कर दिया था। तत्तकाल तीन तलाक की शिकार होने वाली 75 प्रतिशत मुस्लिम महिला गरीब परिवार से आती है । वर्तमान सरकार की ओर से देश हित में लगातार कई फैसले लिये गये है समाजिक व्यवस्था बनाये रखने के लिए एैसे कानून बनाये जाने जरूरी है। इस मौके पर मोबिन अहमद खान, आजाद मौहम्मद, उसमान खान, रहीम खान, ताहिर हुसैन, जाकिर हुसैन, अफाक खान, अनिल पाराशर, सतबीर शर्मा, मनमीत कौर, ललित बैसला, दिनेश भाटी, सतीश चौहान, राजेश भाटी, विक्की आधाना, नवीन गुन्ता, प्रेम चन्द सैनी, रिषी ठाकुर, विजय यादव, बिल्लू धनकड, कुलदीप जोशी, सुनील कुमार आदि सैकडो अधिवक्ता मौजूद थे।
केन्द्र सरकार के इस एतहासिक फैसले जितनी भी प्रशंसा की जाये उतनी ही कम है। जिला न्यायालय सैक्टर-12 फरीदाबाद में मुस्लिम समुदाय से जुडे मुबीन अहमद खान व अन्य अधिवक्तओं ने एक दूसरे को बधाई दी वरिष्ठ अधिवक्ता शिवदत्त वशिष्ठ, एडवोकेट बी0जे0पी0 ने मुस्लिम समाज के अधिवक्ताओं को मिठाँई खिलाकर उन्हेें बधाई दी और इस एतहासिक फैसले का स्वागत किया गया। राज्य सभा में तीन तलाक बिल पास होने से महिला वर्ग को बहुत राहत मिली है। अब तीन तलाक गैर-कानूनी है केन्द्र सरकार के फैसले की जितनी सराहना की जाये उतनी कम है। वशिष्ठ, ने कहा कि कांग्रेस ने सन 1986 में शायराबानो के लिए न्याय का दरवाजा बन्द कर दिया था। तत्तकाल तीन तलाक की शिकार होने वाली 75 प्रतिशत मुस्लिम महिला गरीब परिवार से आती है । वर्तमान सरकार की ओर से देश हित में लगातार कई फैसले लिये गये है समाजिक व्यवस्था बनाये रखने के लिए एैसे कानून बनाये जाने जरूरी है। इस मौके पर मोबिन अहमद खान, आजाद मौहम्मद, उसमान खान, रहीम खान, ताहिर हुसैन, जाकिर हुसैन, अफाक खान, अनिल पाराशर, सतबीर शर्मा, मनमीत कौर, ललित बैसला, दिनेश भाटी, सतीश चौहान, राजेश भाटी, विक्की आधाना, नवीन गुन्ता, प्रेम चन्द सैनी, रिषी ठाकुर, विजय यादव, बिल्लू धनकड, कुलदीप जोशी, सुनील कुमार आदि सैकडो अधिवक्ता मौजूद थे।
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