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फरीदाबाद। शुक्रवार को दिल्ली पब्लिक स्कूल बल्लबगढ़ में ‘द डीपीएस नेशनल चेस चैम्पियनशिप (ब्वायॅज) 2019’ की धमाकेदार शुरुआत की
गयी। दो दिवसीय इस चैम्पियनशिप मुकाबले में देश के अलग - अलग राज्यों में मौजूद दिल्ली पब्लिक स्कूल की अलग-अलग शाखाओं से 64 टीमों ने भाग लिया। दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसायटी के अंतर्गत होने वाले विभिन्न खेल मुकाबलों में यह इस सत्र का पहला मुकाबला था..., जिसकी शुरुआत दिल्ली पब्लिक स्कूल बल्लबगढ़ से की गयी।
इस चैम्पियनशिप मुकाबले के उद्घाटन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसायटी के चेयरमैन पद्म भूषण श्री वी.के. शुगलु जी को आमंत्रित किया गया। इसके अलावा दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसायटी के डायरेक्टर डाॅ. डी. आर सैनी ने ‘गेस्ट आॅफ आॅनर’ के रूप में कार्यक्रम में शिरकत की। इसके अलावा जाने माने भूतपूर्व अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर चेतन शर्मा, स्कूल के प्रो. वाइस चेयर एस. पी. लाल, दिल्ली चेस एसोसिएशन के सैक्रेटरी, अजीत वर्मा ख़ास मेहमानों की सूची में शामिल रहे। साथ ही साथ इस अवसर स्कूल मैनेजिंग कमेटी के सभी प्रमुख सदस्य भी मौजूद थे। इसके अलावा प्रतिभागियों की हौसला अफजाई करने के लिए हजारों की संख्या अभिभावक भी मौजूद थे।
स्कूल की प्रधानाध्यापिका डाॅ. आरती अनिल लावंड ने मुख्यातिथि एवं अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया। तत्पश्चाात दीप प्रज्जवलन के साथ उद्घाटन समारोह की शुरुआत की गयी। मुख्यातिथि श्री वी.के. शुंगलु जी ने चेस का सांकेतिक दांव चलते हुए...इस दो दिवसीय प्रतियोगिता की अधिकारिक शुरुआत की। साथ ही उन्होंने अपनी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएँ भी दी।
दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसायटी के डायरेक्टर डाॅ. डी.आर.सैनी ने सभी प्रतिभागियों की हौसला अफजाई की...., और उन्हें उनकी सफलता के शुभकामनाएं दी।
स्कूल के प्रो. वाइस चेयरमेन एस. पी. लाल जी ने मुख्यातिथि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल होने के लिए श्री वी.के.शुगलु के प्रति आभार व्यक्त किया...।
स्कूल की प्रधानाध्यापिका डाॅ. आरती अनिल लावंड ने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तमाम गणमान्य अतिथियों एवं अभिभावकों का धन्यवाद किया..., साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों सेे सामान्य जीवन में चेस की महत्ता पर भी बात की। उन्होंने बताया कि जिस तरह धैयहीन होकर एक गलत दांव से चेस के खेल में पूरी बाजी पलट जाती है...., उसकी प्रकार यदि विद्यार्थी जीवन में सही नियमों, अनुशासन एवं संयम का यदि पालन न किया जाए..., तो जीवन की दिशा भी पलट जाती है..., और जब तक इसका आभास विद्यार्थी को होता है..., तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
गयी। दो दिवसीय इस चैम्पियनशिप मुकाबले में देश के अलग - अलग राज्यों में मौजूद दिल्ली पब्लिक स्कूल की अलग-अलग शाखाओं से 64 टीमों ने भाग लिया। दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसायटी के अंतर्गत होने वाले विभिन्न खेल मुकाबलों में यह इस सत्र का पहला मुकाबला था..., जिसकी शुरुआत दिल्ली पब्लिक स्कूल बल्लबगढ़ से की गयी।
इस चैम्पियनशिप मुकाबले के उद्घाटन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसायटी के चेयरमैन पद्म भूषण श्री वी.के. शुगलु जी को आमंत्रित किया गया। इसके अलावा दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसायटी के डायरेक्टर डाॅ. डी. आर सैनी ने ‘गेस्ट आॅफ आॅनर’ के रूप में कार्यक्रम में शिरकत की। इसके अलावा जाने माने भूतपूर्व अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर चेतन शर्मा, स्कूल के प्रो. वाइस चेयर एस. पी. लाल, दिल्ली चेस एसोसिएशन के सैक्रेटरी, अजीत वर्मा ख़ास मेहमानों की सूची में शामिल रहे। साथ ही साथ इस अवसर स्कूल मैनेजिंग कमेटी के सभी प्रमुख सदस्य भी मौजूद थे। इसके अलावा प्रतिभागियों की हौसला अफजाई करने के लिए हजारों की संख्या अभिभावक भी मौजूद थे।
स्कूल की प्रधानाध्यापिका डाॅ. आरती अनिल लावंड ने मुख्यातिथि एवं अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया। तत्पश्चाात दीप प्रज्जवलन के साथ उद्घाटन समारोह की शुरुआत की गयी। मुख्यातिथि श्री वी.के. शुंगलु जी ने चेस का सांकेतिक दांव चलते हुए...इस दो दिवसीय प्रतियोगिता की अधिकारिक शुरुआत की। साथ ही उन्होंने अपनी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएँ भी दी।
दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसायटी के डायरेक्टर डाॅ. डी.आर.सैनी ने सभी प्रतिभागियों की हौसला अफजाई की...., और उन्हें उनकी सफलता के शुभकामनाएं दी।
स्कूल के प्रो. वाइस चेयरमेन एस. पी. लाल जी ने मुख्यातिथि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल होने के लिए श्री वी.के.शुगलु के प्रति आभार व्यक्त किया...।
स्कूल की प्रधानाध्यापिका डाॅ. आरती अनिल लावंड ने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तमाम गणमान्य अतिथियों एवं अभिभावकों का धन्यवाद किया..., साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों सेे सामान्य जीवन में चेस की महत्ता पर भी बात की। उन्होंने बताया कि जिस तरह धैयहीन होकर एक गलत दांव से चेस के खेल में पूरी बाजी पलट जाती है...., उसकी प्रकार यदि विद्यार्थी जीवन में सही नियमों, अनुशासन एवं संयम का यदि पालन न किया जाए..., तो जीवन की दिशा भी पलट जाती है..., और जब तक इसका आभास विद्यार्थी को होता है..., तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
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