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फरीदाबाद। दिन में चौथ वसूली करते है और रात को आराम से खा-पीकर सो जाते है पुलिस कर्मी , जी हां कुछ इसी तरह का मामला फरीदाबाद का भी है। जहां पुलिस कर्मियों न तो अपराधियों पर नजर रखने की जरूरत है और न ही ट्रैफिक जाम से वाहनों को निकाले की फुंर्सत है। पूरे दिन चालान का भय दिखाकर पुलिस कर्मी अपनी जेबे भरते है और रात होते ही उगाही की गई राशि से मौज उडा कर सो जाते है। यहीं कारण है कि फरीदाबाद में क्राइम का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। पुलिस न तो रात को कहीं दिखाई देती और न ही दिन में। केवल चालान काटने व उसका भय दिखाकर उगाही करने के अलावा पुलिस का दूसरा काम जैसे रह ही नहीं गया है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि जब जिले का पुलिस मुखिया ही अपने अधिनस्थ पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की सुध लेने औचक निरीक्षण नहीं करेगा तो फिर यहीं कहावत चरितार्थ होगी कि सैंया भय कोतवाल फिर डर काहे का। पुलिस की नाकामी के कारण आज फरीदाबाद का कोई भी व्यक्ति स्वयं को सुरक्षित नहीं समझ रहा है। आये दिन कोई न कोई घटना हो रही है और सडक़ों पर पुलिस की मौजूदगी नदारद है।
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