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फरीदाबाद। फरीदाबाद में शराब ठेकों के खुलने व बंद होने का समय सरकार व आबकारी विभाग ने तय किया हुआ है। लेकिन इसके बावजूद शराब के ठेके रात एक बजे तक खुले रहते है, फर्क इतना है कि सरकारी समय पूरा होने के बाद ठेके संचालक शराब को मंहगा बेचते है। उनका कहना है कि रात 11 बजे के बाद उन्हे शराब बैचने के लिए स्थानीय पुलिस व दूसरे विभागों के अधिकारियों को अलग से पैसे व शराब दोनो देने पड़ते है। इसलिए वे देर रात इस सुविधा को देने के लिए ग्राहकों से अलग से पैसे चार्ज करते है। अब सवाल उठता है कि सरकारी नियम के बाद शराब के ठेके व आहते बिना पुलिस के सहयोग के तो चालू नहीं रह सकते है। जबकि पुलिस किसी भी व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से शराब पीते हुए तुरन्त पकड लेती है, जो फिर समय सीमा के बाद शराब बेचना व पिलाना भी उसी क्रम में आता है। लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाही क्यों नहीं होती है। इसका सीधा सा उदाहरण है कि पुलिस अधिकारी व कर्मचारी चौथ वसूली के चलते अपनी आंखों पर पर्दा डाल देते है। वरना ऐसा नहीं हो सकता है कि पुलिस न चाहे और उसके इलाके में गैरकानूनी काम हो जायं। फरीदाबाद जिले का बल्लभगढ शहर हो या फिर सैक्टर सात की मार्किट व दूसरे इलाके सभी जगह रात 11 बजे के बाद भी शराब पीने पिलाने का सिलसिला जारी रहता है। अगर पुलिस आयुक्त एक बार भी जिले के दौरा कर लें तो उन्हे उन्हे वस्तुस्थिति का ज्ञान स्वय हो जायेगा। लेकिन इसके लिए फिल्ड में जाना जरूरी है।
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