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फरीदाबाद, 19 अप्रैल। विधानसभा चुनावों के घोषणा पत्र एवं दो दौर की वार्ताओं में किए गए वायदों को पूरा न करने से नाराज प्रदेश की पालिका, परिषदों व निगमों के कर्मचारी लोकसभा चुनाव में सरकार का विरोध करेगें। यह चेतावनी आज स्थानीय नगर निगम सभागार में जिला स्तरीय कन्वेंशन को सम्बोधित करते हुए नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने दी। उन्हों
ने कहा कि 20 अप्रैल को कर्मचारी भवन रोहतक में राज्य स्तरीय सम्मेलन कर आन्दोलन की रणनीति बनाएगें। श्री शास्त्री ने कहा कि 2014 के विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में भाजपा ने प्रदेश के सफाई कर्मचारियों से सफाई का ठेका खत्म करने, सफाई कर्मियों को पक्का करने व 15000 रूपए वेतन करने का वायदा किया था। उक्त वायदों को पूरा कराने के लिए ही नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के तत्वाधान में प्रदेश की 61 पालिकाओं, 10 नगर निगमों, 16 नगरपरिषदों के 32 हजार कर्मचारियों ने मुकम्मल हड़ताल करके सरकार को समझौता करने के लिए मजबूर कर दिया था। 24 मई 2018 को हुए समझौते में सरकार ने विधानसभा के घोषणा पत्र में किए वायदों को पूरा करने व फायर के कर्मचारियों की ठेकाप्रथा समाप्त कर समायोजित करने, समान काम-समान वेतन देने, पालिका कर्मचारियों को आवासीय कालोनियों का निर्माण करने, कर्मचारियों के वेतन से काटी गई ईपीएफ व ईएसआई की राशि खातों में जमा न करने वाले ठेकेदारों व अधिकारियों के खिलाफ स्टेट विजीलैंस से जांच करवाने सहित अन्य मांगों को पूरा करें बगैर ही लोकसभा चुनाव में चली गई। सरकार की इस वायदा खिलाफी से प्रदेश की पालिकाओं, परिषदों व निगमों के कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। आज की कन्वेंशन की अध्यक्षता जिला सचिव नानकचंद खैरालिया ने की तथा नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के प्रदेश सचिव सुनील कुमार चिण्डालिया भी उपस्थित थे।
ने कहा कि 20 अप्रैल को कर्मचारी भवन रोहतक में राज्य स्तरीय सम्मेलन कर आन्दोलन की रणनीति बनाएगें। श्री शास्त्री ने कहा कि 2014 के विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में भाजपा ने प्रदेश के सफाई कर्मचारियों से सफाई का ठेका खत्म करने, सफाई कर्मियों को पक्का करने व 15000 रूपए वेतन करने का वायदा किया था। उक्त वायदों को पूरा कराने के लिए ही नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के तत्वाधान में प्रदेश की 61 पालिकाओं, 10 नगर निगमों, 16 नगरपरिषदों के 32 हजार कर्मचारियों ने मुकम्मल हड़ताल करके सरकार को समझौता करने के लिए मजबूर कर दिया था। 24 मई 2018 को हुए समझौते में सरकार ने विधानसभा के घोषणा पत्र में किए वायदों को पूरा करने व फायर के कर्मचारियों की ठेकाप्रथा समाप्त कर समायोजित करने, समान काम-समान वेतन देने, पालिका कर्मचारियों को आवासीय कालोनियों का निर्माण करने, कर्मचारियों के वेतन से काटी गई ईपीएफ व ईएसआई की राशि खातों में जमा न करने वाले ठेकेदारों व अधिकारियों के खिलाफ स्टेट विजीलैंस से जांच करवाने सहित अन्य मांगों को पूरा करें बगैर ही लोकसभा चुनाव में चली गई। सरकार की इस वायदा खिलाफी से प्रदेश की पालिकाओं, परिषदों व निगमों के कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। आज की कन्वेंशन की अध्यक्षता जिला सचिव नानकचंद खैरालिया ने की तथा नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के प्रदेश सचिव सुनील कुमार चिण्डालिया भी उपस्थित थे।
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