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फरीदाबाद और बल्लभगढ़ में जगह-जगह लगे कूढे के ढेर बिमारि
यों को न्योता दे रहे। लेकिन न तो नगर निगम अधिकारियों को कुछ दिखाई दे रहा है और न पार्षद और विधायक कुछ देख पा रहे है। बल्लभगढ़ में मलेरना रोड, गंदे नाले के पास, आकाश सिनेमा और मुख्य बाजार के साथ लगते अग्रवाल प्राईमरी स्कूल की दिवार के पास इस कदर कूढे के ढेर एकत्रित हो गए है कि लगता है कि पूरा शहर ही कूढे दान में तबदील हो गया है। गर्मी शुरू होते ही मच्छर भी पनपने शुरू हो गये है और उपर से गंदगी व कूढे के ढेर आने वाले मौसम में बिमारियों को दस्तक देने लगे है। जब से सरकार व उसके प्रतिनिधियों व नगर निगम अधिकारियों ने स्वच्छता अभियान शरू किया और निगम ने कूढा उठाने के लिए निजी कम्पनी इकों ग्राीन को अधिकृत किया है, तक से ही पूरे शहर में सडक़ किनारे कूढे के ढेर लगने शरू हो गए है। नेताओं ने कूढा साफ करते हुए सैल्फी लेकर अखबारों की खूब सुर्खियां तो बटोर ली, लेकिन अब उनकी असलित को यही कूडे की ढेर मुह चिढा रहे है। अगर यही हाल रहा तो फरीदाबाद में महामारी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। आम लोग पूछ रहे है कि क्या ऐसा हीं है सरकार का स्व्च्छा अभियान ।
यों को न्योता दे रहे। लेकिन न तो नगर निगम अधिकारियों को कुछ दिखाई दे रहा है और न पार्षद और विधायक कुछ देख पा रहे है। बल्लभगढ़ में मलेरना रोड, गंदे नाले के पास, आकाश सिनेमा और मुख्य बाजार के साथ लगते अग्रवाल प्राईमरी स्कूल की दिवार के पास इस कदर कूढे के ढेर एकत्रित हो गए है कि लगता है कि पूरा शहर ही कूढे दान में तबदील हो गया है। गर्मी शुरू होते ही मच्छर भी पनपने शुरू हो गये है और उपर से गंदगी व कूढे के ढेर आने वाले मौसम में बिमारियों को दस्तक देने लगे है। जब से सरकार व उसके प्रतिनिधियों व नगर निगम अधिकारियों ने स्वच्छता अभियान शरू किया और निगम ने कूढा उठाने के लिए निजी कम्पनी इकों ग्राीन को अधिकृत किया है, तक से ही पूरे शहर में सडक़ किनारे कूढे के ढेर लगने शरू हो गए है। नेताओं ने कूढा साफ करते हुए सैल्फी लेकर अखबारों की खूब सुर्खियां तो बटोर ली, लेकिन अब उनकी असलित को यही कूडे की ढेर मुह चिढा रहे है। अगर यही हाल रहा तो फरीदाबाद में महामारी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। आम लोग पूछ रहे है कि क्या ऐसा हीं है सरकार का स्व्च्छा अभियान ।
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